महाराष्ट्र के राजनीतिक हलकों में सवाल उठ रहे हैं कि क्या शिंदे खेमा ठाकरे के फिर से साथ आने की संभावना से घबरा गया है? या यह महज “अनावश्यक विवाद” से बचने की कोशिश थी? चाहे जो भी हो, शिंदे का गुस्सा इस बात का इशारा है कि ठाकरे के साथ गठबंधन की अफवाहों ने सत्ता के गलियारों में बेचैनी पैदा कर दी है.
राज ठाकरे और उद्धव ठाकरे के बीच संभावित गठबंधन की अटकलों ने महाराष्ट्र की राजनीति में सरगर्मी बढ़ा दी है. हालांकि, जब इसी मुद्दे पर उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से सवाल किया गया तो वे अपना आपा खो बैठे और एक पत्रकार से तीखी नोकझोंक करते हुए कहा, “छोड़ो यार, काम की बात करो!”
महाबलेश्वर में अपने गांव दरे (Dare) के तीन दिवसीय दौरे पर आए शिंदे के साथ जल संरक्षण मंत्री संजय राठौड़ भी थे. दोनों सिंचाई योजनाओं, बांधों और जल संरक्षण पहलों जैसी परियोजनाओं का निरीक्षण कर रहे थे. विकास पर गंभीर चर्चाओं के बीच, एक टीवी रिपोर्टर ने सवाल दागा: “क्या राज ठाकरे-उद्धव ठाकरे गठबंधन राज्य की राजनीतिक गतिशीलता को बदल देगा?” शिंदे को भड़काने के लिए बस इतना ही काफी था!